उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों तक एनडीआरएफ की टीम पहुंच गई है। एनडीएमए ने पूरा प्लान बताया कि कैसे सुरंग में फंसे में मजदूरों को निकाला जाएगा। वहीं, सुरंग की खोदाई का काम पूरा होने की जैसे ही जानकारी फंसे मजदूरों के परिजनों को हुई तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। साथ ही अंदर फंसे मजदूरों में भी और हौसला बढ़ गया।
उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों तक 17वें दिन मदद पहुंच गई है। अब जल्द ही मजदूरों के आने की उम्मीद है। सभी को अलर्ट मोड पर कर दिया है। वहीं, सिल्कयारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने पर एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने बड़ी जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि 41 मजदूरों में से प्रत्येक को निकालने में 3-5 मिनट लगेंगे। इस तरह से पूरे मजदूरों को निकालने में 3 से 4 घंटे लग सकते हैं। एनडीआरएफ की तीन टीमों को लगाया गया है, जिसमें 12 सदस्य हैं। ये सभी अंदर जाएंगे। एसडीआरएफ सहायता प्रदान करेगी। मेडिकल प्लान बनाया गया, जिसको लागू किया जाएगा। अंदर हर स्थिति से निपटने के लिए प्लान तैयार किया गया है। मेडिकल टीम को अंदर भेजा जाएगा।
दीपावली के दिन उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में हादसा हो गया था। मलबा गिरने से सुरंग के अंदर काम करने वाले 41 मजदूर फंस गए थे। ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया था। साथ ही टनल के एक्सपर्ट माने जाने वाले अर्नोल्ड डिक्स को भी बुलाया गया था। ऑगर मशीन के ब्लेड टूटने के बाद रैट माइनर्स ने मोर्चा संभाला था। मंगलवार यानी 17वें दिन सुरंग की खोदाई का काम पूरा कर लिया गया।