![Pneumonia in China: Alert in Indian states, Health Ministers said - complete preparation in all hospitals](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/11/29/cana-ma-namanaya-ka-parakapa_1701275175.jpeg?w=320&dpr=3.4)
चीन में बढ़ते निमोनिया प्रकोप के कारण भारत के राज्यों के अस्पताल अलर्ट पर है। राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने कहा, मामले पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है।
विस्तार:
चीन में बढ़ते निमोनिया के प्रकोप को लेकर भारत के राज्यों के अस्पताल भी अलर्ट पर हैं। राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सभी अस्पतालों को स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया गया है।
इसी बीच, चीन में बढ़ते निमोनिया के प्रकोप को लेकर गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चीन में श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में बढ़ोतरी के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी तरह की आपात स्थिति के लिए तैयार है। रुशिकेश पटेल ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और आईसीएमआर द्वारा मामले पर कड़ी नजर रखी जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा, गुजरात में कोविड काल के दौरान की गई ऑक्सीजन की उपलब्धता की फिर से जांच की जा रही है। मामलों से निपटने के लिए अलग वार्ड बनाए जा रहे हैं।
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- स्वास्थ्य विभाग तैयार :
वहीं तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यन ने कहा चीन में निमोनिया बुखार का पता चला है, जिससे बच्चे खासा प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा, स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर जांच कर रहा है। जिसके लिए लगातार शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
कर्नाटक के अस्पतालों को किया गया मुस्तैद :
चीन में बढ़ते निमोनिया के प्रकोप पर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, इस मुद्दे को लेकर मैंने अधिकारियों से बात की है। हमें भारत सरकार से दिशानिर्देश भी मिले हैं। हर स्थिति से निपटने के लिए सभी अस्पतालों को तैयार किया जा रहा है। हालांकि अभी घबराने की कोई जरूरत नहीं है। भारत सरकार के अगले दिशा निर्देशों का हम इंतजार करेंगे।
महाराष्ट्र में अस्पतालों को जांच के आदेश:
वहीं महाराष्ट्र सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने भी सभी जिलों और नगर निगमों के अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि ऑक्सीजन प्लांट सिलेंडर, वेंटिलेटर की स्थिति पर ध्यान दिया जाए। साथ ही कहा कि श्वसन समस्याओं से संबंधित मामलों को पंजीकृत करना शुरू करें। नमूने परीक्षण के लिए आरटीपीसीआर प्रयोगशालाों में भेजने का भी निर्देश दिया।