Nikesh Arora news:गाजियाबाद में हुआ था. निकेश ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology -IIT) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की है. इसके बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए. अब अरोड़ा दुनिया के सबसे नए और 2024 के सबसे पहले बिलेनियर बन गए हैं.निकेश अरोड़ा के नाम पहले भी कई रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं. वह अपने समय में गूगल के सबसे महंगे कर्मचारी भी बन गए थे.
भारतीय मूल के टेक सीईओ निकेश अरोड़ा के नाम एक नई उपलब्धि जुड़ गई है. गूगल से लेकर सॉफ्टबैंक तक कीर्तिमानों की झड़ी लगाने वाले अरोड़ा अब दुनिया के सबसे नए और 2024 के सबसे पहले बिलेनियर बन गए हैं. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों में ये बात सामने आई है.
इतनी हो गई है निकेश की नेटवर्थ
निकेश अरोड़ा कई दिग्गज कंपनियों में काम कर चुके हैं. अभी वह साइबर सिक्योरिटी कंपनी पाओ अल्टो नेटवर्क्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. ब्लूमबर्ग के बिलेनियर्स इंडेक्स के अनुसार, पाओ अल्टो नेटवर्क्स के सीईओ के रूप में निकेश अरोड़ा को भारी-भरकम सैलरी मिल रही है. उसके अलावा उन्हें अवार्ड्स का भी फायदा मिल रहा है. जिससे निकेश अरोड़ा की मौजूदा नेटवर्थ बढ़कर 1.5 बिलियन डॉलर हो गई है.
नॉन-फाउंडर टेक बिलेनियर
भारतीय करेंसी में उनकी मौजूदा नेटवर्थ करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये हो जाती है. निकेश अरोड़ा न सिर्फ 2024 के पहले और दुनिया के सबसे नए बिलेनियर बने हैं, बल्कि उनके नाम यह उपलब्धि भी जुड़ गई है कि वह उन चुनिंदा टॉप टेक बिलेनियर्स में से एक हैं, जो नॉन-फाउंडर हैं.
पाओ अल्टो नेटवर्क्स के इतने शेयर
निकेश अरोड़ा ने साल 2018 में पाओ अल्टो नेटवर्क्स के सीईओ का पद संभाला था. उन्हें उस समय 125 मिलियन डॉलर का स्टॉक एंड ऑप्शंस पैकेज मिला था. उसके बाद उन्हें मिलने वाले भुगतान में कई गुना तेजी आई है. अभी उनके पास पाओ अल्टो नेटवर्क्स की अच्छी खासी हिस्सेदारी है. पिछले कुछ सालों के दौरान पाओ अल्टो नेटवर्क्स के शेयरों के भाव 4 गुना से ज्यादा हुए हैं. इस तरह निकेश अरोड़ा के हिस्से की वैल्यू की बढ़कर 830 मिलियन डॉलर हो गई है.
2012 में बने गूगल के सबसे महंगे कर्मचारी
निकेश सबसे पहले उस समय चर्चा में आए थे, जब वह 2012 में गूगल के सबसे महंगे कर्मचारी बने थे. उन्हें तब गूगल में करीब 51 मिलियन डॉलर का पैकेज दिया गया था, जो किसी भी दूसरे एग्जीक्यूटिव की तुलना में ज्यादा था. वहां से सॉफ्टबैंक के मासायोशी सान निकेश को अपनी कंपनी में ले गए. उस समय तक गूगल में निकेश के स्टॉक अवार्ड की वैल्यू 200 मिलियन डॉलर को पार चुकी थी.
सॉफ्टबैंक के साथ बनाया ये रिकॉर्ड
निकेश का सॉफ्टबैंक का कार्यकाल भी खूब चर्चित रहा था. वह 2014 में सॉफ्टबैंक से जुड़े थे और उन्हें सॉफ्टबैंक ने पहले साल में ही 135 मिलियन डॉलर का पैकेज दिया था. पैकेज उस समय न सिर्फ जापान में सबसे ज्यादा था, बल्कि उसके दम पर निकेश का नाम सबसे बेहतर भुगतान पाने वाले ग्लोबल एग्जीक्यूटिव्स में शुमार हो गया था. एक समय उन्हें सॉफ्टबैंक ग्रुप में मासायोशी सान का उत्तराधिकारी माना जाने लगा था.