Japan Earthquake: भूकंप की वजह से जापान में भरी तबाही, अब सुनामी का खतरा, 33 हजार घरों की बिजली गुल.

Japan Earthquake: जापान में भूकंप के बाद अब भी कई लोग लापता हैं. प्रशासन उनकी तलाश में जुटी है. जापान के प्रधानमंत्री ने बताया कि कई लोगों की तलाश जारी है, लेकिन भूकंप से हुई तबाही के बीच उन्हें ढूंढता मुश्किल है.

जापान में भूकंप के तगड़े झटके लगने के बाद हजारों की संख्या में आबादी प्रभावित हुई है। इशिकावा में समुद्र की ऊंची लहरें डरा रही हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.4 मापी गई है। रूस के तटीय इलाकों में भी सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जापान के पश्चिमी तट के पास भूकंप के बाद सुनामी का खतरा मंडरा रहा है। जापान में भूकंप कितना चिंताजनक है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 33 हजार से अधिक घरों में बिजली सप्लाई बाधित हुई है।

भारतीय दूतावास की तरफ से आपातकालीन नंबर जारी

संवेदनशील और चिंताजनक मंजर के बीच भारतीय दूतावास की तरफ से आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। भारतीय दूतावास ने संपर्क के लिए ई-मेल एड्रेस भी जारी किया है। याकूब टोपनो, अजय सेठी और डीएन बर्नवाल के अलावा एस भट्टाचार्य और विवेक राठी के नंबर जारी किए गए हैं।

सरकारी निर्देशों पर नजर रखने की अपील, लगातार संपर्क में है दूतावास

दूतावास की तरफ से जारी बयान में कहा गया, एक जनवरी, 2024 को आए शक्तिशाली भूकंप और सुनामी के संबंध में आपदा प्रभावित लोगों की मदद के लिए आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। जापान में स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि आपदा प्रभावित आबादी किसी भी सहायता के लिए पांच अधिकारियों के अलावा दो ई-मेल आईडी- sscons.tokyo@mea.gov.in और offfseco.tokyo@mea.gov.in पर भी संपर्क कर सकती है।

दूतावास के मुताबिक, मदद पाने के लिए आपातकालीन नंबरों और ईमेल आईडी पर संपर्क करने के अलावा स्थानीय प्रशासन और सरकार के निर्देशों का पालन करें। दूतावास ने भरोसा दिलाया है कि अधिकारी संबंधित अधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं।

तोयामा, इशिकावा और निगाता प्रांत में बड़ी संख्या में प्रभावित हुए लोग

जापान में भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य में जुटे अधिकारियों और बिजली सप्लाई कंपनियों ने बताया कि भूकंप के केंद्र के आसपास 33,500 घरों की बिजली सप्लाई ठप हो चुकी है। जापान के मुख्य द्वीप होन्शू के बुरी तरह प्रभावित होने की खबर है। इसके अलावा तोयामा, इशिकावा और निगाता प्रांत में भी बड़ी आबादी भूकंप से प्रभावित हुई है।

भूकंप के कारण धंसी सड़कें, जापान की जनता बड़ी संख्या में प्रभावित

भूकंप के कारण कई इलाकों में सड़कें धंस गई हैं। जापान की जनता बड़ी संख्या में प्रभावित हुई है। सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के कारण राजमार्ग बंद हो गए हैं। अधिकारियों ने नागरिकों से ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। जापान की मौसम से जुड़ी एजेंसी ने बताया कि हालात इसलिए भी संवेदनशील हैं क्योंकि केवल 90 मिनट में 21 बार भूकंप के झटके लगे। रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 4.0 या इससे भी अधिक दर्ज की गई। इसके अलावा वाजिमा बंदरगाह पर सुनामी की लहरें देखी गईं। एक मीटर से अधिक लगभग चार फीट ऊंची समुद्री लहरों को देखकर जनता के बीच खौफ पसर गया। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (USGS) ने बताया कि इशिकावा प्रांत के नोटो क्षेत्र में स्थानीय समयानुसार एक जनवरी की शाम लगभग 4.10 बजे भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.5 मापी गई।

भूकंप के केंद्र से 300 किलोमीटर का दायरा अधिक संवेदनशील

सुनामी चेतावनी केंद्र ने बताया कि भूकंप के केंद्र से 300 किलोमीटर का दायरा अधिक संवेदनशील है। खतरनाक सुनामी लहरें उठने का खतरा है। नोटो इलाके में पांच मीटर ऊंची सुनामी लहर उठने की आशंका है। जापान सरकार ने कहा है कि आपदा में जान-माल के नुकसान का आकलन किया जा रहा है। इशिकावा इलाके के वाजिमा शहर की एक बिल्डिंग में आग लगने की खबर भी सामने आई। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, मध्य टोक्यो में भी भूकंप के झटकों के कारण कई घरों को नुकसान हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कई घरों की छतें गिरती देखी जा सकती हैं। नोटो के मासुनामी जिले से एक यूजर ने वीडियो पोस्ट किया।

जापान में 12 साल पहले की सुनामी का मंजर अब भी ताजा

गौरतलब है कि करीब 21 महीने पहले (मार्च, 2022 में) फुकुशिमा तट पर भी 7.4 तीव्रता का भूकंप आया था। इससे देश का पूर्वी इलाका बुरी तरह प्रभावित हुआ था। जापान में करीब 12 साल पहले आई सुनामी का मंजर आज भी सिहरन पैदा करता है। इसमें 18500 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। 2011 में पूर्वोत्तर जापान में समुद्र के नीचे 9.0 तीव्रता का भयानक भूकंप आया था। फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के तीन रिएक्टर बंद करने पड़े थे। लगभग एक सदी पहले, 1923 में भूकंप के तगड़े झटकों के कारण राजधानी टोक्यो पूरी तरह तबाह हो गई थी।

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