इटली की प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने COP28 में प्रधान मंत्री मोदी के साथ #Melodi सेल्फी साझा की, पोस्ट वायरल हो गया

यह सेल्फी इटली की पीएम मेलोनी ने सीओपी28 के दौरान क्लिक की थी. इस तस्वीर में दोनों मुस्कुरा रहे हैं. मेलोनी ने बाद में इस सेल्फी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कर कहा कि सीओपी28 में अच्छे दोस्त. #मेलोडी. बता दें कि इस दौरान पीएम मेलोनी ने हैशटैग मेलोडी का भी इस्तेमाल किया.

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संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन समिट (COP28) का आयोजन हो रहा है. इस समिट में हिस्सा लेने के लिए दुनियाभर के कई बड़े नेता दुबई पहुंचे हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) की एक सेल्फी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

यह सेल्फी इटली की पीएम मेलोनी ने सीओपी28 के दौरान क्लिक की थी. इस तस्वीर में दोनों मुस्कुरा रहे हैं. मेलोनी ने बाद में इस सेल्फी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कर कहा कि सीओपी28 में अच्छे दोस्त. #मेलोडी. बता दें कि इस दौरान पीएम मेलोनी ने हैशटैग मेलोडी का भी इस्तेमाल किया.

इससे पहले सीओपी28 समिट में भाग लेने वाले वैश्विक नेताओं के फोटोशूट में भी पीएम मोदी और मेलोनी की केमिस्ट्री नजर आई थी. दोनों की एक साथ हंसते और बातचीत करते हुए तस्वीरें वायरल हो रही हैं.बता दें कि पीएम मोदी दुबई में आयोजित सीओपी28 समिट में शिरकत करने के बाद शुक्रवार देर रात भारत के लिए रवाना हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि दुबई आपका शुक्रिया. सीओपी28 समिट बेहतरीन रहा. एक बेहतरीन प्लैनेट बनाने के लिए मिलकर काम करते रहें.

सीओपी28 समिट 30 नवंबर से 12 दिसंबर तक चलेगा. इस समिट में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी गुरुवार को दुबई पहुंचे थे और शुक्रवार को वह भारत के लिए रवाना हो गए. 

क्या है COP?

COP यानी कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज से मतलब उन देशों से है, जिन्होंने साल 1992 में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. यह सीओपी की 28वीं बैठक है. इस वजह से इसे COP28 कहा जा रहा है. ऐसी उम्मीद है कि COP28 में पृथ्वी के तापमान में बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के दीर्घकालिक लक्ष्य को बरकरार रखा जाएगा. 2015 में पेरिस में हुए समझौते में लगभग 200 देशों के बीच इसे लेकर सहमति बनी थी.

संयुक्त राष्ट्र में जलवायु पर नजर रखने वाली संस्था Intergovernmental Panel on Climate Change (आईपीसीसी) के मुताबिक, 1.5 डिग्री सेल्सियस वह अहम लक्ष्य है, जिससे जलवायु परिवर्तन के खतरनाक असर को रोका जा सकता है.

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