2016 में, ब्लैंचर्ड को उसकी मां क्लॉडाइन “डी डी” ब्लैंचर्ड की हत्या में उसकी भूमिका के लिए 10 साल की सजा सुनाई गई थी।
सोचिए अगर किसी स्वस्थ और चलने-फिरने वाले शख्स को कई सालों तक व्हीलचेयर (Wheelchair) पर चलने के लिए मजबूर किया जाए तो क्या होगा. जाहिर है वो व्यक्ति अपने जीवन से त्रस्त हो जाएगा. ऐसा ही कुछ हुआ जिप्सी रोज ब्लैंचार्ड (Gypsy Rose Blanchard) के साथ. जिसने अपनी ही मां का खून कर दिया क्योंकि उसकी मां ने उसे इनता प्रताड़ित (Torture) किया कि जिप्सी ये कदम उठाने पर मजबूर हो गई. जेल में 10 साल की सजा काट रही जिप्सी ने अपना 30वां जन्मदिन जेल में ही बनाया क्योंकि उसने अपनी मां डीडी ब्लांचार्ड (Dee Dee Blanchard) की हत्या कर दी थी.
जिप्सी अगले 2 साल तक परोल के लिए अर्जी नहीं डाल सकती हैं लेकिन उनका कहना है कि वो अपने पहले के जीवन की तुलना में जेल का जीवन ही बिताना चाहेंगी. जिप्सी रोज नाम की महिला को उसकी मां डीडी ब्लांचार्ड ने कई सालों तक प्रताड़ित किया क्योंकि उसकी मां मुनचौसेन सिंड्रोम (Munchausen syndrome) से ग्रसित थी. ये ऐसी बीमारी होती है जिसमें पीड़ित शख्स को लगता है कि उसके केयर में मौजूद व्यक्ति बीमार है और इस आधार पर वो उनके नकली मेडिकल रिकॉर्ड बनवाता है और डॉक्टरों (Doctors) से झूठ बोलता है जिससे वो लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकता है और लोगों की सहानुभूति हासिल कर सकता है.
जिप्सी रोज की मां इस सिंड्रोम से ग्रसित होने के कारण उसपर अत्याचार करती थीं. जिप्सी को व्हीलचेयर पर बैठने के लिए मजबूर किया जाता था और उसके सारे बाल साफ कर दिए जाते थे जिससे ऐसा लगे कि उसकी कीमोथेरेपी चल रही है. जिप्सी की मां सबको ये बताना चाहती थी कि उसको कैंसर हुआ है. जिप्सी को ऑक्सीजन, फीडिंग ट्यूब दिया गया और इसके अलावा कई तरह का इलाज भी करवाया गया. इन सब चीजों से जिप्सी के दांत भी झड़ने लगे थे. जिप्सी के कुछ ऑपरेशन भी हुए जिनमें उनकी आंख भी शामिल थी. इन सारे ऑपरेशन और इलाज के लिए जिप्सी को कभी जरूरत ही नहीं थी.
जिप्सी की मां ने अपनी बेटी का नकली बर्थ सर्टिफिकेट भी बनवाया था और बताया था कि वो अपनी असली उम्र से छोटी है और उसकी दिमागी उम्र उससे भी कम है. जिप्सी की मां ने हर जगह ये झूठ बोला था कि साल 2005 के कट्रीना तूफान में सारे कागज खो गए थे. जिप्सी की मां ने अपनी बेटी को बचपन से ही अलग-अलग तरह के ट्रीटमेंट से गुजरने पर मजबूर किया. उन्होंने डॉक्टरों से भी झूठ बोला कि जिप्सी को बीमारी है. उन्होंने बताया कि जिप्सी को मिर्गी के दौरे आते हैं तो इसपर डॉक्टरों ने उसे दवाएं दीं जिससे उसके दांत झड़ने लगे. इसके बाद उसने अपने दोस्तों को बताया कि जिप्सी को ऐसी बीमारी है कि उसे जीवन भर व्हीलचेयर पर बैठे रहना पड़ेगा. डीडी अपनी बेटी को परिवार के अन्य सदस्यों से दूर करने के लिए अमेरिका के लूसियाना शिफ्ट हो गई थी.
कुछ वक्त बाद डीडी एक डेटिंग साइट के जरिए निकोलस नाम के शख्स से मिलीं. इस बीच जब जिप्सी और निकोलस की बातचीत हुई तो वो दोनों भी नजदीक आ गए और दोनों ने फैसला किया कि निकोलस ही जिप्सी को डीडी के पास से मुक्त कराएगा. मगर जब डीडी को निकोलस और जिप्सी के रिश्ते के बारे में पता चला तो वो भड़क गई और जिप्सी को निकोलस से कभी ना मिलने की चेतावनी दी. इसके बाद दोनों ने डीडी को मारने का प्लान बनाया. और उसकी हत्या कर दी. निकोलस को डीडी की हत्या करने के जुर्म में आजीवन कारावस की सजा सुनाई गई थी.